हैं पूजनीय देव श्री विश्वकर्मा हमारे
आप ही हो सृजन निर्माण के देवता !
श्रीब्रह्मापुत्र वास्तुदेव अंगिरसी सुपुत्र….,
आपसे ही ये संसार रच वैभव पाता !!1!!
मिल श्रीब्रह्माजी के साथ आपने
किया इस सृष्टि का निर्माण अति सुंदर !
सतत आपकी कृपाएं दुआएं पाकर…..,
निखर उठे सृजन और छाए श्रृंगार !!2!!
आपसे सदैव नयी प्रेरणा पाकर
हम यहां सुंदर नवनिर्माण कर पाते !
मिलता आपसे वास्तु का ज्ञान मार्गदर्शन…….,
तभी सही दिशा स्थान हम चुन पाते !!3!!
आप ही हो विश्व के कल्याणकर्ता
और समस्त रचनाओं के आधार प्रणेता !
आप ही से पाते सुख वैभव आनंद…….,
और जीवन चले यहां पे सरसाए हर्षाता !!4!!
ॐ विश्वकर्मणे विश्वात्मने नमो नमः
विश्वधराय विश्वकराय वास्तोष्पतये !
ॐ वासपात्रे धराधराय पूर्णानंदाय नमः….,
श्री ब्रह्मांडाय त्रिभुवनाथ भुवनपतये!!5!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान