ऑफिस का एक,
प्रमुख चेहरा ।
विचार से हमेशा,
रहता है गहरा ।
उसके शब्द ,
कभी सख्त,कभी नरम ।
लक्ष्य सदा रहता,
टारगेट के ओर ।
ना देखता कभी,
होता पूरा टारगेट ।
करता हैं केबिन बाहर ,
आकर कभी शोर ।
समझाता हैं मिटिंग में ।
टारगेट का महत्व ।
बनता हैं वह गेट बाहर,
Staff के चुटकुले के टारगेट ।
लेकिन उसका माइंड ,
रहता हैं सेट ।
वह होता हैं टारगेट ।
देखता हैं वह हमेशा,
भविष्य की ओर ।
सोचता हमेशा,
ले जाउंगा कंपनी को,
उँचाईयों की ओर ।
देखता हैं वह,अपने भीतर ,
अपने Staff का भविष्य ।
लगता कभी उसे,
अपने staff के भविष्य का ड़र ।
लड़ता हैं प्रबंधन से होकर निड़र ।
नहीं रहती उसे,
अपने करिअर की चिंता ।
जानता हैं अब यह हक हैं बनता ।
प्रयास पर प्रयास अंतिम श्वास ।
बस् यह वही हैं करता . . .
The Boss. …..
The Boss …….
– प्रदीप सहारे, नागपुर, महाराष्ट्र