धरती जैसा मानचित्र हम, चंदा का रच पायेंगे।
एक नये ग्रह पर बसने का,पथ सबको दिखलायेंगे।
चंद्रयान उपहार दिया जो, उसे सहेजेंगे जब हम,
वैज्ञानिक अनुसंधानों का, तब ही लाभ उठायेंगे।
रोवर के निर्देशों पर जब, खोज खनिज की होगी तब,
उपयोगी अनमोल खजाने , सम्मुख अपने आयेंगे।
प्राप्त सम्पदा जन गण हित में, जब अर्पित की जायेगी,
विकसित अति उन्नति के साधन, गौरव देश बढ़ायेंगे।
सपनों को साकार करेंगे, जब वैज्ञानिक बढ़ चढ़ कर,
जोर शोर से दुनियाँ वाले गीत हमारे गायेंगे।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश