अंतरिक्ष में नित्य सफलता, वैज्ञानिक जन पा रहे,
झंडा अपने भारत का वे , शान सहित लहरा रहे।
अनुसंधानों द्वारा साबित, हिन्द किया है शौर्य को,
दुनिया वाले जोर शोर से, भारत के गुण गा रहे।
आदित्य एल वन अब आगे, खोलेगा पथ सूर्य का,
सूरज पर जाने का हम सब, प्यारा स्वप्न सजा रहे ।
भारत की प्रतिमा क्षमता का, हुआ नही आकलन कभी,
अवसर पाकर प्रतिभाओं का, गौरव सम्मुख ला रहे ।
दूर नहीं है दिन वह जब हम, छा जायेंगे विश्व पर,
श्रम शिक्षा के संयोजन नभ, पर हमको ले जा रहे ।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश