मनोरंजन

गीतिका – मधु शुक्ला

स्वाधीनता  दिवस  की  सबको  मिले  बधाई,

आजाद  हिंद  सुषमा  खुशियाँ  अपार  लाई।

 

छवि पर्व की सुहानी दिन – दिन बदल रही है,

बचपन  समान  हमको  देती  न  पर दिखाई।

 

साधन न थे अधिक पर था जोश हर हृदय में,

इस  पर्व  की  खुशी  में आती  न  नींद  भाई।

 

तड़के  सुबह  जगें  सब  तैयार  हों जतन से,

पापा   सदैव   लाते  इस  दिन  रहे  मिठाई।

 

कपड़े  नवीन  पहनें  स्वाधीनता दिवस पर,

मीठे   मधुर  सलोने  पकवान  माँ  पकाई।

 

जाते  रहे  पहन  कर  गणवेश  पाठशाला,

पाकर इनाम इस दिन सबने खुशी मनाई।

– मधु शुक्ला,सतना, मध्य प्रदेश

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