संग हँसते रहे,गुनगुनाते रहे,
एक दूजे को हरदम रिझाते रहे।
आ दुआ हम करें खुश रहो तुम सदा,
प्यार के गीत सब यार गातें रहें।
दे रहें हम दुआएं तुम्हारे लिये,
आप यूहीं सदा खिलखिलाते रहे।
खूबसूरत लगें आज हम को बड़े,
रात की नींद मेरी उड़ाते रहे।
इश्क तेरा चढ़ा आज सर पे मिरे,
शर्म से हम नजर को झुकाते रहे।
नाज करते रहे यार के प्यार पर,
जिंदगी यार पर हम लुटाते रहे।
चाह तेरी हमें आज सोने न दे,
आप यूहीं सदा मुस्कुराते रहें।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़