मनोरंजन

जिंदगी है – अनिरुद्ध कुमार

गीत गा दिन रात जब तक जिंदगी है,

प्यारसे कर बात जबतक जिंदगी है।

 

दो घड़ी रहना जहाँ में दिल लगाले,

हो हसीं जज्बात जब तक जिंदगी है।

 

आदमी हो मुस्कुरा मिलना सबों से,

भूल जा औकात जब तक जिंदगी है।

 

बंदगी यह जिंदगी रहना खुशी से

मान यह सौगात जब तक जिंदगी है।

 

कौन जाने कब किसे जाना यहाँ से

पाक हो ख्यालात जब तक जिंदगी है।

 

कर भला होगा भला सब जानते है.

रार क्यों बेबात जब तक जिंदगी है।

 

काम से ‘अनि’ नाम लेता यह जमाना,

हो कभी ना मात जब तक जिंदगी है।

– अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड

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