मनोरंजन

गजल – ऋतु गुलाटी

आरजू पूरी हुई आना हुआ,

बस दिलों से रंज गम जाना हुआ।

 

देखना चाहा तुम्हारा घर बड़ा,

यार का आँगन बड़ा महका हुआ।

 

चाह में तेरी अजी पागल बनी,

जब कहा सपना मिरा पूरा हुआ।

 

तंग दिल समझा जिसे तुमने बड़ा,

प्यार के काबिल बड़ा माना हुआ।

 

हम बड़े खुश आज देखो हो गये,

जब मिरा भोला सजन प्यारा हुआ।

 

घर से निकला राह पाने के लिये,

लग रहा है नाम पहचाना हुआ।

– ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली , पंजाब

Related posts

गजल – रीतूगलाटी

newsadmin

साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति ने साहित्यकार डॉ. राशि सिन्हा को किया सम्मानित

newsadmin

रूठ सके न क्षण भर भी – सविता सिंह

newsadmin

Leave a Comment