राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तराखण्ड़ के सहयोग से कम्बाइंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च कुंआवाला देहरादून में माइक्रोबॉयोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा कोविड-19, चुनौतियां, अवसर एवं प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर उत्तराखण्ड़ राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत एवं हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखण्ड़ चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेम चन्द्र पांडे मुख्य अतिथि के रूप में रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रथम दिन संस्थान के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कॉलेज परिसर में सभी अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात सभी अतिथियों ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश ने कहा कि कोविड काल जहां एक चुनौती के रूप में सामने आया तो वहीं हम भारतवासियों इस चुनौती को एक अवसर के रूप में बदला। इस दौरान ना सिर्फ हमारा पर्यावरण शुद्ध हुआ बल्कि हम डिजिटल की ओर भी तेजी से बढ़े। शिक्षा के क्षेत्र में जहां ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो सकी तो वहीं इस तरह के सम्मेलन भी ऑनलाइन मोड़ में संचालित कर सके। इस दौरान उन्होंने सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए पोस्टर्स का भी निरीक्षण किया।
वहीं हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखण्ड़ चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेम चन्द्र पांडे ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज में इस तरह के सम्मेलन का आयोजन होना हमारे लिए गर्व की बात है, एक मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति के तौर पर मैं इस सम्मेलन आप सबका स्वागत करता हूं। इस सम्मेलन में शामिल विभिन्न विद्वानों के विचारों से जरूर मेडिकल के क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी।
पहले सत्र में स्वास्थ्य सेवा देहरादून के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ. महेश भट्ट ने कोविड-19 एंड इंफोडेमिक द रियलिटी एंड चैलेंज ऑफ 21 सेंचुरी इन पैनाडमिक विषय पर अपने विचार रखे, उन्होंने बताया कि कोविड काल में किस तरह हमने अपनी आदतें बदली हैं। वहीं एस.आर. एच. यू. जॉलीग्रांट फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रो. डॉ. अविनाथ रूहेला ने रोल ऑफ फिजियोथेरेपी इन द मैनेजमेंट ऑफ कोविड-19 पेशेंट विषय पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि कोविड काल के दौरान फिजियोथेरेपिस्ट ने अपनी भूमिका निभाई।
दूसरे सत्र में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर के बॉयोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरव यादव ने आईपीआर एंड कोविड एप्लिकेशन फॉर फ्यूचर विषय पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
दूसरे सत्र में 1 घंटा ओरल प्रेजेंटेशन व पोस्टर प्रेजेंटेशन के रखा गया जिसमें प्रतिभागियों द्वारा अपने विचार रखे और पोस्टरों के माध्यम से कोविड काल की चुनौतियों व इसके मैनेजमेंट पर प्रकाश डाला।
प्रथम दिन का अंतिम सत्र एसजीआरआर यूनिवर्सिटी देहरादून के ईएनटी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. अरविंद शर्मा के नाम रहा। जिन्होंने करेंट ट्रेंडस इन डायग्नोसिस मैनेजमेंट ऑफ कोविड विषय पर अपना प्रेजेंटेशन दिया।
सेमिनार में एसजीआरआर यूनिवर्सिटी देहरादून के एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट हेड डॉ. ममता बंसल ने पोस्टर प्रेजेंटेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जोशी, मैनेजर केदार सिंह अधिकारी, एडमिन ऑफिसर ललित सामंत, उप प्रधानाचार्य रबीन्द्र कुमार झा, कार्यक्रम संयोजक डा० उत्कर्ष, सह संयोजक शिखा, डा रणजीत, पंकज सिंह, डा दीपिका सहित शिक्षकगण व 500 से अधिक प्रतिभागी शामिल रहे।