मनोरंजन

क्या सोचना – अनिरुद्ध कुमार

जिंदगी उनका दिया क्या सोचना,

हाल जानें है ख़ुदा क्या सोचना।

 

हर घड़ी बेकार क्यों दिल को दले,

राह चलना सर उठा क्या सोचना।

 

प्यार से आगे बढ़ो कैसी फिकर,

भूल जा जो भी हुआ क्या सोचना।

 

राह लम्बी दूर है मंजिल अभी,

नाम रटते जा सदा क्या सोचना।

 

बेरहम मालिक नहीं जानें सभी,

ख्याल रखतें दें दुआ क्या सोचना।

 

कर इबादत रख भरोसा हर घड़ी,

जानते सबका पता क्या सोचना।

 

साथ तेरे ‘अनि’ चले होके निडर,

राज जाने हैं ख़ुदा क्या सोचना।

– अनिरुद्ध कुमार सिंह

धनबाद, झारखंड

Related posts

ग़ज़ल हिंदी – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

गीत – झरना माथुर

newsadmin

मौन हूँ – शशि पाण्डेय

newsadmin

Leave a Comment