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ग़ज़ल हिंदी – जसवीर सिंह हलधर

देश के ध्वज का हमेशा मान होना चाहिए ।

राष्ट्र गरिमा का सभी को ध्यान होना चाहिए ।

 

रात दिन जो सरहदों को सींचते हैं खून से ,

सैनिकों का देश में सम्मान होना चाहिए ।

 

देवताओं की तरह पूजा करे हर नागरिक ,

हर गली हर गांव में यश गान होना चाहिए ।

 

लिख गए जो वीर गाथा काल के भी भाल पर ,

उन शहीदों पर हमें  अभिमान होना चाहिए ।

 

गल रहे नित बर्फ में जो जल रहे बारूद में ,

काम है कितना जटिल ये भान होना चाहिए ।

 

जिन जवानों ने जवानी राष्ट्र हित में वार दी ,

बांकुरों की रणकथा का थान  होना चाहिए ।

 

राजगद्दी के  लिए जो एकता खंडित करे ,

उस बशर का हर तरफ अपमान होना चाहिए ।

 

जाति मजहब नाम पर फिरका परस्ती बंद हो ,

बस तिरंगा कौम का परिधान होना चाहिए ।

 

एक ही आवाज आये हर शहर हर गांव से ,

देश का इस विश्व में उत्थान होना चाहिए ।

 

देश हित लिखता रहूँ मेरी यही है कामना ,

गीत “हलधर” राष्ट्र को वरदान होना चाहिए ।

– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून

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