मनोरंजन

गीतिका – मधु शुक्ला

भारतीय संस्कृति की चर्चा,जब होती  संसार में,

ध्यान सभी का केंद्रित रहता,श्रेष्ठ अतिथि सत्कार में।

 

सद्भावों के हेतु नगर से,गाँव अधिक  मशहूर हैं,

सहयोग सदा दिखे यहाँ पर,जनमानस व्यवहार में।

 

देवालय सम घर को हमने, दिया सदा सम्मान है,

प्रेम, त्याग, ममता की दौलत,बढ़ती है परिवार में।

 

जहाँ एकता भाई चारा ,हँसता मुस्काता  रहे,

ईश वहाँ पर हाथ बँटाता,उन्नति के विस्तार में।

— मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश .

Related posts

गोवर्धन में हुआ कवि नीरज नीर का भव्य अभिनंदन

newsadmin

ज्येष्ठ सी मैं तप रही हूँ – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

प्रथम वंदनीय लोक देवता गणेश – दिनेश चंद्र वर्मा

newsadmin

Leave a Comment