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छंद आदमी – जसवीर सिंह हलधर

पैदा हुआ जानवर , नाद पहचान कर ,

अक्षरों से लिपियां बनाने लगा आदमी।

 

वेद व पुराण लिखे , ईश के बखान लिखे ,

गीता ज्ञान ख़ुद को सुनाने लगा आदमी।

 

ज्ञान का प्रकाश बढ़ा , आसमान तक चढ़ा ,

चाँद और मंगल पे जाने लगा आदमी।

 

शस्त्र निर्माण कर , बना फिर जानवर ,

ब्रह्म रची दुनिया जलाने लगा आदमी।

– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून

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