पैदा हुआ जानवर , नाद पहचान कर ,
अक्षरों से लिपियां बनाने लगा आदमी।
वेद व पुराण लिखे , ईश के बखान लिखे ,
गीता ज्ञान ख़ुद को सुनाने लगा आदमी।
ज्ञान का प्रकाश बढ़ा , आसमान तक चढ़ा ,
चाँद और मंगल पे जाने लगा आदमी।
शस्त्र निर्माण कर , बना फिर जानवर ,
ब्रह्म रची दुनिया जलाने लगा आदमी।
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून