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हे महादेव – कालिका प्रसाद

महादेव एक अकिंचन जान हमें,

कुछ पास नहीं है पद पूजन को,

बस भाव भरे कुछ पुष्प लिए,

कर जोड़ खड़ा हूं शिव पूजन को।

 

कुछ दूध चढ़ा महादेव पूज रहे,

कुछ दीप धरे शिव अर्चन में,

अभिषेक करे जल धारा बहा,.

लपटाय रहे शिव को चंदन में।

 

पद पंकज का नित  ध्यान करु,

धन्य धन्य करो इस जीवन को,

जब  प्रति  पले  अनुराग बढ़े,

जगती  मन  में शिव भक्ति तभी।

 

हे महादेव बुद्धि निर्मल कर देना,

हृदय में तुम्हारा ही निवास हो,

हमारे मन के अज्ञान को मिटा देना,

नित जपता  रहूं ऊं नमो शिवाय।

– कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रुद्रप्रयाग   उत्तराखंड

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