तीसरे दिन मां चंद्र घंटा की पूजा,
मां का यह रुप जीवन में बाहर लाती,
भक्तों पर माता अपनी कृपा बरसाती,
जय- जय- जय मां चंद्र घंटा।
भरती सबका भण्डार माता,
मनोकामना शुभ फल दाता,
विमल भाव उर में भरती हैं,
सारे संकट माता दूर करती है।
मन का कोना कोना जगमग कर दे,
भाव सिंधु में मोती भर दे,
गगन में गूंज रही जयकार तुम्हारी,
जय- जय- जय मां चंद्र घंटा।
विपदा सबकी हरने वाली,
तुमसे छिपा ना कोई राज माता,
करो सफल हर काज माता,
जय -जय -जय मां चंद्र घंटा।
– कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तरखण्ड