प्रगट कर दर्द जीवन को तमाशा मत बनाना तुम,
सफलता प्राप्त करने के सभी को गुण सिखाना तुम।
पिता से त्याग माँ से सीख गुरु से ज्ञान ले लेना,
इसी अनमोल निधि से जिंदगी की नाव को खेना।
मिले कंटक तुम्हें कितने किसी को मत बताना तुम…… ।
लगन श्रम धैर्यता से ही मिले मंजिल न घबराना,
पसीने को बना आधार अपनी राह महकाना।
पकड़ कर हाथ हिम्मत का कदम आगे बढ़ाना तुम….. ।
रहेंगे साथ यदि आँसू दिखाई पथ नही देगा,
हुआ संकल्प यदि बेदम नहीं फिर भाग्य बदलेगा।
दिया जो ईश ने जीवन प्रयासों से सजाना तुम…… ।
— मधु शुक्ला .सतना, मध्यप्रदेश