पर्व होली का हुआ संपन्न सकुशल जानिए,
सम्बंध आपस के जरूरी बात यह पहचानिए।
पर्व-उत्सव जोड़ते रिश्ते सभी के आपसी,
नित्य इनको पोषना है बात यह भी मानिए।
खेत से गेहूं फसल खलिहान को अब जा रही,
एक संतोषी छटा हर कृषक के मुख ला रही।
अन्न से घर अब भरें सँग चंद पैसे भी मिलें,
बात यह मधुमास ऋतु इंसान को समझा रही।
– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, उन्नाव, उत्तर प्रदेश