मनोरंजन

ग़ज़ल – अंजली श्रीवास्तव

जहां ख़ूबसूरत बनाना है हमको,

उसे प्यार से भी सजाना है हमको।

 

ये दुनिया ख़ुशी से चहक जाए हरपल,

के हर ग़मज़दा को हंसाना है हमको।

 

अब हिम्मत से अपनी बढ़ेंगे ही आगे,

के मंज़िल पे अपनी ही जाना है हमको।

 

मुहब्बत के रिश्तों में भर दो मुहब्बत,

ये नफ़रत का दीपक बुझाना है हमको ।

 

वतन अपना प्यारा है प्यारा रहेगा,

सदा इसका परचम उठाना है हमको।

– अंजली श्रीवास्तव, बरेली, उत्तर प्रदेश

Related posts

आभासी रिश्तों की उपलब्धि (संस्मरण) – सुधीर श्रीवास्तव

newsadmin

गीतिका – मधु शुक्ला

newsadmin

संवेदनशील कवयित्री राधा शैलेन्द्र की सफलता की कहानी

newsadmin

Leave a Comment