मनोरंजन

ग़ज़ल – अंजली श्रीवास्तव

मुहब्बत का सपना दिखाया कहाँ है?

अभी हमनें उनको सताया कहाँ है?

 

वो कब से मिरे दिल में बैठे हैं जाने?

उन्हें भी ये मैंने बताया कहाँ है?

 

वो सूरत बसी जबसे आंखों में मेरी,

ज़माने में कुछ भी लुभाया कहाँ है?

 

ग़ज़ब का है नशा मुहब्बत का सुनलो,

चढ़ा है जिसे, होश आया कहाँ है?

 

जो किस्सा-ए-दिल है सो है क़ैद दिल मे,

इसे मैंनें महफ़िल में गाया कहाँ है?

 

अना हो गए अंजली की वो साहब,

मग़र ये समझ उनको आया कहाँ है?

– अंजली श्रीवास्तव, बरेली, उत्तर प्रदेश

Related posts

9 -10 जून को अयोध्या धाम में होगा साहित्य कला और संगीत का संगम – डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

newsadmin

क्यों लड़ रहे लोग भला – हरी राम यादव

newsadmin

शिव शक्ति – एकता गुप्ता

newsadmin

Leave a Comment