शिव जी के धाम में करता प्रार्थना,
कष्ट दूर करो हे बाबा केदारनाथ,
जलाभिषेक से भक्त कर रहे पूजन,
सबकी विपदा हर लो हे रुद्रनाथ।
हे महादेव तुम ही जगत पालक हो
मंगल करण अमंगल हरण करते हो,
कण-कण में सामाए हो मनकामेश्वर
जय -जय जय हो तुम्हारी महाकाल।
पार्वती ने घनघोर तप किया शिव के लिए,
शिवजी ने स्वीकार कर लिया पार्वती को,
परिणय सूत्र में बंध गए त्रियुगीनारायण में,
भक्त आनंदित हो गए इस धरा धाम के।
भाव के कुछ पुष्प लिए हुए हूं,
कर जोड़ खड़ा हूं शिव को करता वंदन,
मैं पद पंकज का ध्यान नित्य करु ,
इस जीवन को सार्थक करो हे देवाधिदेव।
हे कैलाशपति तेरी महिमा बड़ी निराली
तेरे दर पर जो भी आता है,
उसका जीवन खुशियों से भर जाता है
हे अर्धनारीश्वर तुमको शत् शत् वंदन।
– कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार. रुद्रप्रयाग उत्तराखंड