मनोरंजन

मौन – सुनील गुप्ता

मौन है प्रार्थना

है मन की साधना  !

ये जीवन गहना…..,

स्वयं को निहारना !!1!!

 

मौन है ध्यान

है प्राणों का संधान !

ये करे निदान……,

चिंताओं का अवसान !!2!!

 

मौन है दर्शन

है प्रभु का मिलन  !

ये है संकीर्तन……,

करे ह्रदय परिवर्तन !!3!!

 

मौन है योग

है सुखद संयोग !

ये बनाए निरोग…..,

दूर करे रोग !!4!!

 

मौन है चेतना

है स्वयं में उतरना  !

ये शांत कर वेदना….,

उतारे अंतस अज़स्त्र झरना !!5!!

 

मौन है भक्ति

है मन की शक्ति  !

ये बढ़ाके जीवनी शक्ति…..,

जीवन हर्षाए चलती !!6!!

– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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