बसुकेदार तहसील भवन निर्माण हेतु 10 वर्षों से चिन्हित की गई भूमि पर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों की आपसी सहमति न बनने एवं समस्या का समाधान हेतु जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर समस्या का समाधान किया गया।
ज्ञातव्य है कि तहसील बसुकेदार कार्यालय के निर्माण हेतु 2 स्थानों जिसमें तिलोधार एवं दालसिंगी घसरोड़ा तोक में भूमि चयन की गई है किन्तु क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों की आपसी सहमति न बनने के कारण तहसील कार्यालय बनाए जाने के लिए भूमि का चयन नहीं किया जा सका जिसके मध्यनजर जिलाधिकारी ने आज बसुकेदार तहसील कार्यालय हेतु दोनों स्थानों पर चिन्हित की गई भूमि का क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी द्वारा बसुकेदार तहसील परिसर में क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं संबंधित अधिकारियों के साथ जन सुनवाई बैठक आयोजित कर क्षेत्र की समस्याओं एवं तहसील भवन बनाए जाने के संबंध में सभी जन प्रतिनिधियों के सुझाव लिए, जिसमें कई जन प्रतिनिधियों का मत तिलोधार में तथा कई जन प्रतिनिधियों द्वारा दालसिंगी घसरोड़ा तोक में तहसील भवन बनाए जाने के संबंध में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया।
जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित जन प्रतिनिधियों को वर्तमान तहसील कार्यालय में ही तहसील कार्यालय भवन बनाने का सुझाव रखा गया जिस पर सभी क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा अपनी सहमति दी गई। जिलाधिकारी ने सभी जन प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि वर्तमान में संचालित हो रहे तहसील कार्यालय का नव निर्माण किया जाएगा तथा एलोपैथिक चिकित्सालय भवन को भी तहसील कार्यालय हेतु उपयोग में लाया जाएगा तथा एलोपैथिक चिकित्सालय के लिए अलग से भूमि चयनित की जाएगी। उन्होंने कहा कि तहसील कार्यालय को वर्तमान तहसील परिसर में बनाए जाने हेतु शीघ्र ही शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की समस्या को भी सुना। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र के कई स्थानों में सड़क मार्गों की दशा ठीक न होने के कारण सड़क मार्ग काफी क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिनका डामरीकरण किया जाना है जिसमें नागजगई-पठालीधार मोटर मार्ग, गुप्तकाशी-जखोली मोटर मार्ग, छेनागाड़ मोटर मार्ग, बधाणीताल-बकसीर, घंघासू-उछोला आदि मोटर मार्गों के डामरीकरण की मांग की गई तथा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बार-बार बाधित होने एवं झूलती विद्युत लाइनों को दुरस्त करने की मांग की गई। ग्रामीणों द्वारा बसुकेदार क्षेत्र में पानी की समस्या से भी जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। बंगवाल तोक चंद्रापुरी से क्षतिग्रस्त पैदल रास्ते को दुरस्त करने की मांग तथा प्राथमिक विद्यालय बसुकेदार में एक ही शिक्षक होने के कारण एक अन्य शिक्षक को तैनात करने की मांग की गई। व्यापार संघ द्वारा बसुकेदार में स्वीकृत सुलभ शौचालय का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र में आधार कार्ड बनाए जाने हेतु शिविर लगाने की मांग की गई। उन्होंने यह भी अवगत कराया गया कि बकसीर में एलोपैथिक चिकित्सालय भवन की स्थिति ठीक नहीं है, छेनागाड़ क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या से भी अवगत कराया गया। क्षेत्रवासियों द्वारा अवगत कराया गया कि अपनी समस्याओं को लेकर जिला कार्यालय एवं विकास भवन में जाने के लिए वाहन व्यवस्था न होने के कारण क्षेत्रवासियों को काफी परेशानी होती है जिसके लिए उन्होंने जवाड़ी बायपास से जिला कार्यालय एवं विकास भवन हेतु बस संचालन की मांग की गई। क्षेत्रवासियों द्वारा क्षेत्र में बंदरों के आतंक से भी निजात दिलाने की मांग की गई।
जिलाधिकरी ने उपस्थित जन प्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो भी समस्याएं बताई गई हैं उन समस्याओं का संबंधित विभाग द्वारा एक सप्ताह के भीतर स्थलीय निरीक्षण कराते हुए समस्या का समाधान सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने क्षेत्रीय जनता को आश्वस्त किया कि मुख्यालय आने वाले ग्रामीणों के लिए विकास भवन व जिला कार्यालय जाने के लिए एक सप्ताह के भीतर वाहन सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एलोपैथिक चिकित्सालय का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधा का जायजा लिया तथा तहसील कार्यालय के सभी पटलों का निरीक्षण कर किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी परमानंद राम, तहसीलदार राम किशोर ध्यानी, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई कमल सिंह सजवाण, प्रधान ग्राम पंचायत डालसिंगी आशा देवी, तिनसोली मीना देवी, भुनालगांव कैलाश वैरवाण, डुंगर महिपाल सिंह, फेगू सजनी बिष्ट, बष्टी नरेंद्र सिंह, मोहन सिंह भंडारी, हरेंद्र सिंह, रणजीत सिंह भंडारी आदि सहित संबंधित अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
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