मनोरंजन

ककड़ी के चोर को कटार से मत मारिए – हरी राम यादव

सुधारिए सुधारिए शिक्षा व्यवस्था सुधारिए,

पर ककड़ी के चोर को कटार से मत मारिए ।

 

नकल करना देश में देशद्रोह बन गया,

तोप से मार रहे आप फुदकने वाली बया ।

 

शिक्षा के बने हैं जो काल पहले उन्हें तारिए,

मारना ही है तो बड़े बड़े घड़ियाल मारिए।

 

15 साल का बच्चा कब से देशद्रोही हो गया,

क्या सत्ता की रौ में हमारा ज़मीर सो गया।

 

जो लोग कर रहे रोज शिक्षा से  तीन पांच,

उनको दीजिए शासन की गरम गरम आंच।

 

जो बने बैठे परीक्षा के डान और माफिया,

उनका बुझाइए श्रीमान पहले  जलता दिया।

 

क्यों करते बच्चे नकल पहले सोचिए,

व्यवस्था की कमियों को जड़ से नोचिए।

 

रोज हो पढ़ाई यदि देश के स्कूल में,

कौन बच्चा करना चाहे नकल फिजूल में।

 

परसेंटेज की व्यवस्था हो देश में खत्म,

बंद हो बच्चों पर मानसिक सितम ।

 

नंबरों से ज्ञान का अंबर मत मापिए,

पांच दस प्रश्नों से न विवेक भांपिए।

 

मत बनाइए शिक्षा को प्रयोगशाला,

ऐसे नियम हैं बच्चों के लिए हाला।

 

देश के भविष्य से खिलवाड़ मत कीजिए,

ऐसे कानून को सरकार वापस लीजिए।।

– हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश

Related posts

गीत – झरना माथुर

newsadmin

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

ग़ज़ल – डॉ उषा झा

newsadmin

Leave a Comment