आ पहुंचा गणतंत्र चौहत्तर गौरव शाली
भारत का,
जन मन के अधिनायक, भूमंडल भाग्य
विधाता का।
आ पहुंचा गणतंत्र चौहत्तर याद हमें
दिलाने को,
संविधान पर चलने की सौगंध पुनः
दोहराने को।
कर्तव्यों की भी याद रहे अधिकार
चाहने वालों को,
कांटों पर चलना होगा सिंहासन
चाहने वालों को।
आ पहुंचा गणतंत्र चौहत्तर याद हमें
दिलाने को,
आजादी हमको मिली नही प्राणों के
बदले पाई है
इसकी खातिर जाने कितने वीरों ने
जान गंवाई है।
आ पहुंचा गणतंत्र चौहत्तर याद हमें
दिलाने को,
मिली हुई आजादी की क्या कीमत है
समझाने को,
अपना गौरव है भारत, जन जन को
बतलाने को ।
आ पहुंचा गणतंत्र चौहत्तर याद हमें
दिलाने को,
अधिकार मात्र न चर्चित हों कर्तव्यों का
भी ज्ञान रहे,
देश हमें सब कुछ देता है सदा सर्वदा
ध्यान रहे।
स्वतंत्रता मिल गई हमें यह सौभाग्य
हमारा है,
स्वतंत्रता की रक्षा करना अब कर्तव्य
हमारा है।
डा० क्षमा कौशिक, देहरादून , उत्तराखंड