मनोरंजन

प्यारे नेता जी – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

भारत को आज़ाद कराने, आगे आए नेता जी।

राष्ट्र प्रेम की बलिवेदी पर, प्राण गँवाए नेता जी।1

 

बचपन से ही देशप्रेम था, दौड़ा करता नस-नस में,

कठिन राह थी आज़ादी की, खुद चुन लाए नेता जी।2

 

पढ़-लिख कर बैरिस्टर होंगे, बाबू जी सपना पाले,

पर सुभाष ने सब कुछ त्यागा, तब बन पाए नेता जी।3

 

गर्म खून में जोश भरा था, तभी गर्म दल बनवाया,

छोड़ अहिंसा का पथ इक दिन, शस्त्र उठाए नेता जी।4

 

गठित किया आज़ाद हिंद बल, अंग्रेजों से लड़ने को,

भिड़े ब्रिटिश सेनाओं से बिन, समय गँवाए नेता जी।5

 

लगा जान की बाजी अपनी, डरा दिया अंग्रेजों को,

अंडमान को सबसे पहले, वापस लाए नेता जी।6

 

मुझे खून दो मैं आज़ादी, दूँगा हरदम कहते थे,

जो कहते थे उसी बात को, कर दिखलाए नेता जी।7

 

नमन करें हम उस विभूति को, स्वार्थ नहीं अपना देखा,

उनके पीछे देश चल पड़ा, तब कहलाए नेता जी।8

 

उनके जैसा भाव हृदय रख, करें देश सेवा हम सब।

दृश्य देख अनुपम भारत का, खुश हो जाए नेता जी।9

 

नव भारत भारत कराने, आगे आए नेता जी।

राष्ट्र प्रेम की बलिवेदी पर, प्राण गँवाए नेता जी।1

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, उन्नाव, उत्तर प्रदेश

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