neerajtimes.com, देहरादून – हिंदी विश्व की वह भाषा है जो समय के अवरोधों के बावजूद न केवल अपनी अस्मिता को बचाने में सफल हुई प्रत्युत अपने गौरवशाली इतिहास की सुरक्षा करते हुए नए आयामों पर चढ़ती चली गई। और यही कारण है कि आज हिंदी दिवस भारत में ही नहीं वैश्विक मंच पर भी गर्व से मनाया जा रहा है।
सन् १९७५ में तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में नागपुर में पहली बार विश्व हिंदी सम्मेलन हुआ जिसमें ३०देशों के १२२ प्रतिनिधियों ने भाग लिया ,जिसका उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी के प्रचार प्रसार को बढ़ावा देना था। २००६ में तत्कालीन प्रधान मंत्री माननीय मनमोहन सिंह ने १० जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की।और हर्ष का विषय है कि पहली बार इसी दिन विदेश मंत्रालय ने इस दिवस को मानने की मंजूरी प्रदान की। तब से हर साल १०जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार वर्ष १९४९ में UNGA में पहली बार हिंदी बोली गई इसी की वर्षगाठ के रूप में ये दिवस मनाया जाता है। कारण जो भी हो विश्व हिंदी दिवस मनाया जाना हिंदी की लोकप्रियता उसके सौष्ठव का स्पष्ट प्रमाण है। हमें गर्व है कि हम हिंदुस्तानी हैं और हमारी मातृ भाषा विश्व पटल पर पूर्ण वैभव से सजने वाली हिंदी है। हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा। – डा० क्षमा कौशिक, जी०एम०एस० रोड, देहरादून