मनोरंजन

भोजपुरी पूर्णिका – श्याम कुंवर भारती

बना के खिलौना ऊ खेले हमरे दिल से प्यार करे ना जाने।

दिल लगवली हम उनसे मिलला पर हमके ऊ ना पहीचाने।

 

केतनो निरखी हम सुघर उनकर सूरत नज़र हटले ना हटे।

एतना देखा ना हमके नजर लग जाई कहे हंस के सुना दीवाने।

 

तीर लगे गर जिगर जान बच जाए तिरछी नजर से कइसे बची।

गाल उनके करिया तिल कातिल बची कइसे दइब ना जाने।

 

दिल दुखवली ना कबो हम उनके  जान बनके जान बेवफा हो गइल।

जख्म देके दिल पर ऊ गइल केतनो मनाई मोरी बात ना माने।

 

गुमान रूप के बा उनके बहुत बाकी हमार ऊ जरूरत हई।

सावर श्याम के घायल बा दिल दर्द मिटा जा बनावा ना बहाने।

– श्याम कुंवर भारती ( राजभर), बोकारो, झारखंड मोब.-9955509286

Related posts

अनूभूतियाँ – रेखा मित्तल

newsadmin

अपने जीवन के हैं हम कुम्हार – सुनील गुप्ता

newsadmin

अद्वितीय व अनूठी प्रतिमा है दिउड़ी माता की (नवरात्रि) – स्वामी गोपाल आनंद बाबा

newsadmin

Leave a Comment