मनोरंजन

दोहे – मधु शुक्ला

साल पुराना चल दिया, लेकर यादें साथ।

दस्तक दी नव वर्ष ने, थाम ठंड का हाथ।।

 

क्या लायेगा साथ में, आने वाला वर्ष।

उत्सुकता सबको यही, बीमारी या हर्ष।।

 

स्वागत  करना  फर्ज  है, पूर्ण  करेंगे  लोग।

रख कर उर में कामना, बनें प्रगति के योग।।

 

वक्त नहीं रुकता कभी, आते रहते वर्ष।

समय पढ़े जब आदमी , मिले तभी उत्कर्ष।।

—  मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

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