मनोरंजन

छंद छटा – जसवीर सिंह हलधर

1-

तप त्याग वाला रंग, नहीं पहचाना नंग ,

कोई समझाए इस बेशर्म पठान को ।

 

बॉलीवुड के ये नंग, नायिका दिखाए अंग ,

धूल में मिला रहे हैं, हिंदुओं की शान को ।।

 

यदि नहीं आया बाज, मिटी नहीं जीभ खाज़,

खोजता फिरेगा खान, खास पहचान को ।

 

ध्वज में भी यही रंग, हरे और स्वेत संग ,

कौन समझाए भांड, शाहरुख खान को ।।

2-

फूंक मार मार थके, गीली सीली लकड़ी को ,

आग तो जलेगी नहीं, भस्त्र का क्या दोष है ।

 

वासना में लीन नंग, नायिका दिखाए अंग ,

आप ही बताओ तब, वस्त्र का क्या दोष है ।।

 

लूले आदमी के हाथ , बेशक दुधारी रहे ,

चोट तो करेगी नहीं शस्त्र का क्या दोष है ।

 

नेत्रहीन आदमी पे बेशक कमान रहे ,

लक्ष्य तो भिदेगा नहीं, अस्त्र का क्या दोष है ।।

3-

सत्तर की आयु में भी, कवि दिखते जवान ,

कौन सा चमत्कार कौन सी दवाई है ।

 

काले काले दिखें बाल,लाल लाल दिखें गाल ,

सच में जवानी है या कोई चतुराई है ।।

 

कौन से हैं क्रीम तेल, कहां पे लगी है सेल,

राज समझाओ कैसे आयी तरुणाई है ।

 

क्या ये योग का कमाल, सुलझाओ ये सवाल ,

रामदेव क्रीम है या गोदरेज डाई है ।।

– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून

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