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ग़ज़ल – ऋतु गुलाटी

यार हमको अजी याद आने लगे,

हाय हमको सभी आजमाने लगे।

 

चाँद से खूबसूरत लगे आप तो,

नाम तेरा लबो पे सजाने लगे।

 

बात दिल की कहे अब छुपाये नही,

राज दिल का तुम्हे हम बताने लगे।

 

जिंदगी आज भी खूबसूरत बनी,

साथ  तेरा मिले,गुनगुनाने लगे।

 

आज आती रही याद तेरी हमें,

बेवजह अश्क तुम क्यो बहाने लगे।

 

रूठ कर आप क्यो जा रहे आजकल,

हार  कर प्यार  तुम पर लुटाने लगे।

 

रो दिया दिल  हमारा न जाना कही,

छोड़कर क्यो अजी दिल जलाने लगे।

– ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली , चंडीगढ़

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