मनोरंजन

भोजपुरी गीत (धान के कटनिया) – श्याम कुँवर भारती

घरवा आजा पिया पलटनिया ,लागल धान के कटनिया !

फोनवा करेली गोरी धनिया, दूर करा परशानियां!

 

ठिठुरेला जोर जाड़ा , भोरवा जाइ कईसे बहरा !

थर थर कांपे देहिया , तनको चिंता नईखे तोहरा!

कई के कटनिया जाइ कईसे  खरीहनिया !

फोनवा करेली गोरी धनिया……..!

 

गउआ में सभ कर पिया धान कटी गईले !

काटी पिटी कुटी धान चाउर  बनी गईले !

धनवा के काटी काटी टूटे मोर बदनीया !

फोनवा करेली गोरी धनिया……!

 

देवरा रहेला हरदम मोबाइले में  बिजी!

हम ना जाइब खेतवा कहेली ननदो हमरा से खिझी!

करा केवनो जतनिया पिया आके दिखावा आपन मरदनीया !

फोनवा करेली गोरी धनिया ……!

 

कटाई नाहीं धनवा त गेहूं कब बोवाई !

तोहरे बिना पिया कईसे खेतवा जोताई!

कहवा से लाई बिया पिया कईसे पटाई पनिया !

फोनवा करेली गोरी धनिया  लागल धान के कटनिया!

– श्याम कुँवर भारती (राजभर ), बोकारो झारखंड

Related posts

युगों से नारी – जसप्रीत कौर

newsadmin

पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी का ‘सारस्वत सम्मान एंव पुस्तक लोकार्पण समारोह’ का आयोजन

newsadmin

स्वर साधिका शारदा सिन्हा के सुमधुर संगीत के हमसफर, सशक्त साथी को अंतिम सलाम (ओंकारेश्वर पांडेय-विभूति फीचर्स)

newsadmin

Leave a Comment