यूँ आप आए दिल मे प्यार मेरा जगाए।
अब जिंदगी में हम भी यारी अजी निभाए।
बच्चो को साथ रखना गुलशन है आजकल के।
वो घर है खुशकिस्मत बच्चे जहाँ है आए।
कहते सभी हमके यारा अब देश को बचाए।
क्यूँ वक्त भी उन्ही पर बेदर्द जुल्म ढाए।
आ जाए जब जमीं पे हमको प्रिया सताए।
क्यो चाँद आज हमको आँखे बड़ी दिखाए।
छोडो *ऋतु आज रोना हालात गम भरे है।
गाओ न गीत गम के हमको सभी जलाए।
– ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़