परी देश की एक ऐसी कहानी,
वहा थी एक परियों की रानी।
करती थी वो बच्चों से प्यार,
बच्चे थे उनके राज दुलार।
रात में आती उन्हें सुलाती,
तरह तरह के सपने दिखाती।
खूब खिलाती खूब पिलाती,
सुबह होते ही फूर हो जाती।
बच्चे रहते थे उनमें चूर,
पारी मां रहती थी बहुत दूर।
– मनीषा सिंह बंशीपुर, बांका, बिहार