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जल की महत्ता – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

उपवन महकें,

तरुवर दमकें,

सुरभित करे बयार।

 

नभ से बरसे,

तन-मन हरषे,

शीतल लगे फुहार।

 

वारिद गरजें,

दामिनि कड़कें,

छेड़ें मन के तार। .

 

जल का अर्पण,

जल से तर्पण,

जल करता उद्धार।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

नोएडा, उत्तर प्रदेश

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