मनोरंजनजल की महत्ता – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी by newsadminOctober 9, 20220128 Share0 उपवन महकें, तरुवर दमकें, सुरभित करे बयार। नभ से बरसे, तन-मन हरषे, शीतल लगे फुहार। वारिद गरजें, दामिनि कड़कें, छेड़ें मन के तार। . जल का अर्पण, जल से तर्पण, जल करता उद्धार। – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी नोएडा, उत्तर प्रदेश