तुम्हारा जो सहारा मिल गया है।
विरह से दिल हमारा भी जला है
मिली है जिंदगी भी मुश्किलों से।
अरे यारो,सुनो क्या माजरा है।
अदाएँ भी लगी कातिल हमे तो।
दिये जो दर्द तुमने,सह गया है।
बसा दिल मे कही तो प्यार सारा।
वफा के नाम पे हमको ठगा है।
मिला था साथ हमक़ो जब से यारा
मेरे पीछे ज़माना चल रहा है ।
– ऋतु गुलाटी ऋतंभरा , चंडीगढ़