neerajtimes.comपिण्डवाड़ा(राजस्थान)- सुनते आये है कि संतान में बहुत गुण अपने माता पिता से मिलते है और इसी उक्ति को सत्य साबित किया है शिक्षक एवं प्रसिद्ध साहित्यकार गुरुदीन वर्मा की साढ़े पाँच वर्षीय पुत्री मिहीका वर्मा (जीनी) ने अपने पिता को मिले पुरस्कारों के चित्र बनाकर और यह चित्रकारी उनकी बेटी पिछले 6 महीनों से कर रही है तथा रोजाना एक ड्राइंग अपनी चित्रकारी से भरती है।
शिक्षक गुरुदीन वर्मा ने बताया कि उनकी बेटी मिहीका अभी एच के जी कक्षा में पढ़ती है जिसको पढ़ाई के साथ-साथ चित्रकारी एवं वाद्य यंत्र पियानो बजाने का भी शौक है। पढ़ाई में भी उनकी बेटी बहुत ही होनहार एवं प्रतिभाशाली है तथा अपने पिता की साहित्यिक गतिविधियों की नकल में भी होशियार है।
ज्ञात हो कि साहित्यकार वर्मा भी चित्रकारी एवं पियानो, हारमोनियम और बैंजो बजाने के शौकीन हैं तथा साहित्यिक क्षेत्र में पिछले 9 महीनों में लगभग 100 पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं, जिनकी स्वरचित 2800 काव्य रचनाओं में से 550 रचनायें लगभग 30 समाचार पत्रों एवं 40 मासिक काव्य साझा संग्रहों में प्रकाशित हो चुकी है और लगभग 30 काव्य मंचों पर काव्य पाठ कर चुके हैं। वर्मा की खुद की 6 काव्य पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी है और भविष्य में बेटी पर भी अपनी एक काव्य पुस्तक प्रकाशित करवाने का विचार रखते हैं। वर्मा अपनी बेटी के ऐसे हुनर को और ज्यादा निखारने की बात करते हैं।