मनोरंजन

हिन्दी – समीर सिंह राठौड़

हिन्दी से पहचान हिन्द की,

माँ भारती की है धड़कन।

प्रेम की भाषा,शान देश की,

सुरम्य,सुरभित और पावन।।

 

मधुर-माधुरी शहद समान,

उत्कृट,सारगर्भित है पहचान।

कंठ-कंठ की सुरमय गान,

जय हिंद ,जय हिन्दी महान।।

 

चहुँओर प्रवाह प्रबल है,

शब्द-शब्द शब्दाक्षर सबल है।

व्याकरण -भाषा की जननी,

प्रश्न-प्रश्न सरल सा हल है।।

 

भारत की सौम्य-सुगंधित हिन्दी,

उस तोतली की जुबान है हिन्दी।

साहित्य का सम्मान है हिन्दी,

हाँ हिन्द की पहचान है हिन्दी।

– समीर सिंह राठौड़, बंशीपुर, बांका, बिहार

Related posts

गजल – रीतू गुलाटी

newsadmin

कविता – मधु शुक्ला

newsadmin

छंद (अग्निपथ योजना) – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

Leave a Comment