मनोरंजन

गणपति प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

अगले बरस फिर जल्दी आना…

भारी मन से दें विदा, लंबोदर को आज।

उत्सव दस दिन तक चला, पुलकित हुआ समाज।।

हाथ जोड़ विनती करें, पुनः पधारें आप।

भूल चूक सब कर क्षमा, हरें सकल संताप।।

 

जीवन से सबके सदा, विघ्न हरें गणराज।

नित अपना आशीष दें, सकल सँवारें काज।।

जीवन के दुख-दर्द सब, गणपति करिये दूर।

हो करबद्ध करें नमन, श्रद्धा से भरपूर।।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

Related posts

नभ के पंछी – सुनील गुप्ता

newsadmin

साईकिलिंग – रेखा मित्तल

newsadmin

गजल – रीता गुलाटी

newsadmin

Leave a Comment