पथिक हो?
फिर विराम क्यों ?
चलना तेरा काम है
फिर आराम क्यों?
पथिक हो?
फिर पथ पर पड़े
कंकरों से
तुमको भय क्यों?
पथिक हो?
फिर पथ पर
चलने से तुम को
थकावट क्यों?
पथिक हो?
फिर हार जाने के
डर से तुम को
घबराहट क्यों?
– राजीव डोगरा
गांव जनयानकड़
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
फोन – 9876777233