मनोरंजन

गीत – डा० नीलिमा मिश्रा

घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।

हमें तिरंगा प्यारा अपना,हमको प्यारा हिंदुस्तान ।।

 

आन तिरंगा शान तिरंगा, स्वतंत्रता की है पहचान ।

आसमान में जब लहराए, झूमें सारा हिंदुस्तान।।

स्वतंत्रता की बलिवेदी पर,लाखों लाल हुए बलिदान ।।

घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान ।

 

आज़ादी का अमृत उत्सव,मिलकर सभी मनाएँ आज ।

याद करें आज़ाद-भगतसिंह,राजगुरू पे करके नाज ।।

चित्तू पांडे मंगल पांडे,झाँसी की रानी की आन।

घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।।

 

आँच न आए इस झंडे पर, आज़ादी का रखना मान ।

हो सुभाष-राणा के वंशज, भारत माँ की तुम संतान ।

नही झुको तुम नहीं रुको तुम,हे! भारत के वीर जवान ।

घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।।

 

हम अखंड भारत के वासी, अपना भारत देश महान ।

सागर चरण पखारे इसका, खड़ा हिमालय सीना तान ।।

पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, फैले भारत का यशगान ।

घर-घर झंडा फहराना है, जन-गण- मन का करके गान।।

 

राष्ट्रभक्ति से बढ़कर कोई, पुण्य नहीं होता है काम ।

देशभक्ति की अलख जगाओ, मातृभूमि का लेकर नाम ।।

वंदे मातरम कहते-कहते, लाखों वीर हुए कुर्बान ।

घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।।

– डा० नीलिमा मिश्रा ,प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

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