घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।
हमें तिरंगा प्यारा अपना,हमको प्यारा हिंदुस्तान ।।
आन तिरंगा शान तिरंगा, स्वतंत्रता की है पहचान ।
आसमान में जब लहराए, झूमें सारा हिंदुस्तान।।
स्वतंत्रता की बलिवेदी पर,लाखों लाल हुए बलिदान ।।
घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान ।
आज़ादी का अमृत उत्सव,मिलकर सभी मनाएँ आज ।
याद करें आज़ाद-भगतसिंह,राजगुरू पे करके नाज ।।
चित्तू पांडे मंगल पांडे,झाँसी की रानी की आन।
घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।।
आँच न आए इस झंडे पर, आज़ादी का रखना मान ।
हो सुभाष-राणा के वंशज, भारत माँ की तुम संतान ।
नही झुको तुम नहीं रुको तुम,हे! भारत के वीर जवान ।
घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।।
हम अखंड भारत के वासी, अपना भारत देश महान ।
सागर चरण पखारे इसका, खड़ा हिमालय सीना तान ।।
पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, फैले भारत का यशगान ।
घर-घर झंडा फहराना है, जन-गण- मन का करके गान।।
राष्ट्रभक्ति से बढ़कर कोई, पुण्य नहीं होता है काम ।
देशभक्ति की अलख जगाओ, मातृभूमि का लेकर नाम ।।
वंदे मातरम कहते-कहते, लाखों वीर हुए कुर्बान ।
घर-घर झंडा फहराना है,जन-गण-मन का करके गान।।
– डा० नीलिमा मिश्रा ,प्रयागराज, उत्तर प्रदेश