उत्तराखण्ड

शिशु के लिए कम से कम छह महीने तक स्तनपान ज़रूरी

Neerajtimes.comदेहरादून। विश्व स्तनपान सप्ताह हर वर्ष 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है। यह सप्ताह स्तनपान जागरूकता और सही जानकारी देने और स्तनपान से जुड़े मुद्दों को पहचानने के लिए मनाया जाता है। आप शायद जानते हैं कि स्तनपान आपके बच्चे को एक स्वस्थ शुरुआत दे सकता है। लेकिन यह एकमात्र स्वास्थ्य लाभ नहीं है। यह महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को भी कम कर सकता है।
सीएमआई अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ एवं कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डा0 सुमिता प्रभाकर के कहती है कि शोध से पता चलता है कि जो माताएं स्तनपान कराती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा कम होता है और छह महीने से अधिक समय तक स्तनपान कराने से अतिरिक्त सुरक्षा मिल सकती है।
स्तनपान कराने वाली अधिकांश महिलाएं स्तनपान के दौरान हार्माेनल परिवर्तनों का अनुभव करती हैं जो उनके मासिक धर्म में देरी करती हैं। यह एस्ट्रोजन जैसे हार्माेन के लिए एक महिला के जीवन भर के जोखिम को कम करता है, जो स्तन कैंसर कोशिका वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान स्तन के ऊतकों में कमी होती हैं। यह कमी संभावित डीएनए क्षति के साथ कोशिकाओं को हटाने में मदद कर सकता है। इस प्रकार स्तन कैंसर के विकास की संभावना को कम करने में मदद करता है।
स्तनपान ओवुलेशन को रोककर महिलाओं में होने वाले ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है और जितना में जितना काम ओवुलेशन होता है, एस्ट्रोजन और असामान्य कोशिकाओं के संपर्क में उतना ही कम होता है जो कैंसर बन सकता है।
डा0 सुमिता प्रभाकर के अनुसार स्तनपान के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए माताओं को इसे कम से कम छह महीने तक विशेष रूप से करना चाहिए। इसका मतलब है कि आपके बच्चे को केवल स्तन का दूध देना है- पानी नहीं, अन्य तरल पदार्थ या ठोस पदार्थ नहीं। साक्ष्य से पता चलता है कि स्वास्थ्य लाभ और आपके कैंसर के जोखिम में कमी छह महीने स्तनपान करवाने के बाद हो सकती हैं।
छह महीने के बाद स्तन का दूध आपके बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों का कम से कम आधा हिस्सा प्रदान करता है। तो आप धीरे-धीरे बेबी फ़ूड, फल और सब्जियां जैसे खाद्य पदार्थ दे कर सकते हैं। हालांकि आपको स्तनपान जारी रखना चाहिए।
स्तनपान के लाभ इस प्रकार से है-
स्तनपान बच्चों को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। मां का दूध बच्चे के साथ मां की एंटीबॉडी साझा करता है। ये एंटीबॉडी बच्चों को एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करने और उन्हें बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। स्तनपान करने वाले शिशुओं में अस्थमा, मोटापा, टाइप 1 मधुमेह और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम का खतरा कम होता है।
स्तनपान कराने से मां को स्तन और यूट्रस के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो सकता है। स्तनपान माता और बच्चे के बीच गर्मजोशी और निकटता प्रदान करता है। यह आपके और आपके बच्चे के बीच विशेष बंधन बनाने में मदद करता है।
स्तनपान माँ के गर्भावस्था के बाद बढे हुए वज़न को कम करने में मदद करता हैं। मां का दूध बच्चे के लिए पचाने में आसान होता है। मां का दूध तैयार करने की जरूरत नहीं है। यह पहले से ही तैयार है और मुफ़्त है।

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