मनोरंजन

सम्मान – राजीव डोगरा

ह्र्दय को न पाषाण कर

इसमें मानवता का भी

कुछ सम्मान कर।

जो मिट चुका है

उसको मिटने दे,

नवीन आते

ज्ञानधारा के स्रोत का

कुछ सम्मान कर।

भूमंडल की भूतल पर

न किसी का अपमान कर,

अपनों के साथ-साथ

परायों के लिए भी

हृदय से सम्मान कर।

आगाज अगाध उड़ते

परिंदों पर तो

सब मान करते हैं

नवीन उड़ते पुलकित

पंखों का भी त कुछ सम्मान कर।

– राजीव डोगरा

पता-गांव जनयानकड़

कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

rajivdogra1@gmail.com

Related posts

कवि विजय कुमार को मिला साहित्य रत्न सम्मान-2022

newsadmin

ग़ज़ल हिंदी – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

उधम सिंह सरदार – डॉ सत्यवान सौरभ

newsadmin

Leave a Comment