मनोरंजन

सावन गीत – झरना माथुर

देखो सावन आया रे, मनभावन आया।

मेघ पानी लाया रे, बरखा बन के छाया।

 

बागों में झूला झूले,

गाये मेघ- मल्हार।

जंगल में मोर नाचे,

आयी कैसी ये बहार।

देखों सावन आया रे, मन भावन आया।

धानी चुनरी ओड़ के मै,

छुप-छुप कर आऊँ।

खन-खन करती कंगन से,

सजना को सताऊँ।

प्रीत का त्योहार आया,

साजन सावन आया।

देखों सावन आया रे, मनभावन आया।

– झरना माथुर, देहरादून , उत्तराखंड

Related posts

गजल – शिप्रा सैनी मौर्या

newsadmin

उल्लाला छंद – मधु शुक्ला

newsadmin

स्वच्छ भारत – सुमित जोशी

newsadmin

Leave a Comment