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हनुमान जन्मोत्सव – रश्मि पांडेय

चैत्र मास पूनम तिथि,

प्रगट हुए अवतारी।

आए धरा पर पवनसुत,

मारुतिनंदन बलशाली।।

 

माता अंजनी,पुत्र पवनसुत,

आदि,अनादि,अनन्त कहलाते।

महारुद्र के अवतार हैं हनुमत,

सियाराम के सेवक कहलाते।।

 

अयोध्या नगरी हनुमानगढ़ी में,

सरयू तट पर आप विराजे।

वैसे तो कण कण में बसे हो,

जिनके हृदय राम गुण गाते।।

 

तुम बिन कोई काज ना सम्भव,

सकल काज हनुमत ही संवारे।

धीर वीर,गम्भीर पवनसुत,

सबकी नैया पार लगाते।।

 

हनुमत शरण जो भी आए,

तमस से वो मुक्ति है पाए।

राम राम मय होगा जो भी,

हनुमत उनको पार लगाएं।।

 

अतुल शक्ति के स्वामी हनुमत,

अभिमान किया ना शक्ति का।

बड़े बड़े काज संवारे प्रभु के,

किया समर्पण सहज भक्ति का।।

 

बल,बुद्धि कौशल में निपुण,

सिया राम जी के प्यारे हैं।

जो भी उनको प्रेम से भजता,

वो वीर हनुमान हमारे हैं।।

– रश्मि पांडेय, शुभि,

डिंडोरी, मध्यप्रदेश

6261870554

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