बचपन की दोस्ती
की धुंधली यादें मन
के एक कोने में आज भी
स्मृति में सजोकर रखें हुए है हम
जब भी याद आती है मन भावुक हो.
दोस्ती अनमोल है
बचपन में कैसे हम सब
छोटी बातों से एक दूसरे के
बिना नहीं रह पाते थे बहुत रोते
बस वही दोस्त दिल के करीब होते थे .
अनोखा बचपन
लड़ना झगड़ना एक साथ
पल में मान जाना दोस्ती भी पक्की
आज भी धुंधली स्मृति मन के झरोखे से
भावुक हो जाती हूँ बचपन के उन लम्हों में.
वही मित्र बचपन के
हम सभी फिर से मिले हैं
फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से
अचानक इतनी खुशी का अनुभव हुआ
जैसे कोई खोया खज़ाना वापस मिल गया हो.
– भावना गौड़, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
gaurbhawna2@gmail.com