मोहब्बत न सही,
नफरत ही किया करो,
खुशी न सही
गम ही दिया करो।
दिल से न सही,
दिमाग से ही
सोच लिया करो ।
अपनापन न सही,
परायापन ही
दिखा दिया करो।
मुस्कान न सही,
गम के आंसू ही
दे दिया करो।
बातचीत न सही,
खामोशी का आलम ही
मेरे नाम कर दिया करो।
– राजीव डोगरा
पता-गांव जनयानकड़
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश