neerajtimes.com तेजपुर:- पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में सिलीगुड़ी से वरिष्ठ कवि राजा पुनीयानी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत सचिव कल्पना देवी आत्रेय के स्वागत भाषण से हुआ । संस्थापिका रीता सिंह’ सर्जना’ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया इसके साथ पूजा सुनुवार ने अपनी सुमधुर कंठ से सरस्वती वंदना किया।
मुख्य अतिथि राजा पुनियानी का परिचय देते हुए रीता सिंह सर्जना ने हाल ही में प्रकाशित राजा की पर्यावरण कविता संग्रह तङसिङ का जिक्र किया और कुछ सवाल करते हुए कवि राजा से पूछा “तङसिङ क्यों? जबकि आपकी कविता में सामाजिक तथा विद्रोह स्वर रहता है? पर्यावरण की ओर झुकाव का क्या कारण है? इसके उत्तर में मुख्य अतिथि राजा ने अपनी बात रखते हुए कहा- ” आपने सही कहा कि मेरी कविताएँ सामाजिक होते हुए भी उसमें विद्रोह का स्वर रहता है पर यह विद्रोह सत्ता से हैं । तङसिङ क्यों? पर्यावरण की अवस्था देख कर कवि मन मौन नहीं रह सकता या यूँ कहे हमारा तन मन दोनों का रिश्ता एक दूसरे से अंतर्निहित है तो कैसे उससे जुड़ाव रहित रह सकता है। यही कारण है कि पहली कृति के लंबे अंतराल बाद तङसिङ के रूप में पर्यावरण कविता संग्रह पाठक के हाथ में हैं। कवि राजा ने अपनी पुस्तक तङसिङ से दो कविताएँ हिंदी में भावार्थ के साथ वाचन कर सुनाया तो वही अकादमी की संस्थापिका रीता सिंह सर्जना ने पर्यावरण के सुरक्षा के लिए पौधारोपण पर जोर देते हुए कहा कि ” जरुरी नहीं कि बहुत पौधे लगाएँ और उसकी देखभाल नहीं कर सके इसलिए प्रति व्यक्ति कम से कम एक पौधा लगाकर उसकी देखभाल कर पर्यावरण की सुरक्षा में हम अपना सहयोग आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने अकादमी के सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में रहकर पौधारोपण किया।
इस अवसर पर अकादमी द्वारा आयोजित काव्यगोष्ठी का संचालन कल्पना देवी आत्रेय और पूजा सुनुवार ने किया। उपस्थित कविगण – डॉ.अनिता पंडा (शिलांग), कल्पना देवी आत्रेय (नगाँव) , शंकर लाल पारीक (गुवाहाटी) ,अंजना जैन (गुवाहाटी) सीमा सिंह स्वस्तिका( सिलचर),मंजु बंसल “मुक्ता मधुश्री “ (जोरहाट), सरिता सिंह स्नेहा ( जोरहाट ), पूजा सुनुवार (कोकराझार ), अन्नपूर्णा बाजपेयी ‘आर्या’ (कानपुर), ममता गिनोड़िया मुग्धा (जोरहाट), गीता लिम्बू (शिलांग), डॉ. गोमा देवी शर्मा (मणिपुर), जैश्री बोरो (कोकराझार), संगीता ठाकुर काठमांडू ( नेपाल), कुसुम टीबड़ीवाल ( तेजपुर) , डॉ. सरिता शर्मा (तेजपुर) और रजनी श्रीवास्तव अनंता (बिहार) केदार बराल, ( निकास) एवं रीता सिंह ‘सर्जना’ ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में पूजा सुनुवार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।