मनोरंजन

ममतामयी साहित्य अकादमी की काव्य गोष्ठी आयोजित

neerajtimes.com – ममतामयी साहित्य अकादमी के तत्वावधान मे मासिक काव्य गोष्ठी महावीर अपार्टमेंट, मनोरमनगर मे आयोजित की गई।

सबसे पहले मां शारदे की तस्वीर के आगे सभी कवियों ने दीप प्रज्वलित किया। डा. संगीता नाथ के सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। कवि विश्वजीत कुमार ने ‘देखकर मुखड़ा ऐसे पलट जाते हैं लोग’ सुनाकर वर्तमान परिपेक्ष्य मे लोगों की मानसिकता को उजागर किया तो शालिनी झा ने ‘समय भी उस रूप ढला, जिस रूप मे ढलकर आए तुम’ पंक्तियों से अंतस के उद्गार को व्यक्त किया। प्रियदर्शिनी पुष्पा ने ‘कभी ख्वाबों मे सिद्दत से तुमने पुकारा था, जिसे लिखकर मिटाते हो, वही तो दिल हमारा’ सुनाकर सभी का मन मोह लिया तो किरण अग्रवाल ने ‘नारी तेरे नाम अनेक, हर नाम के अर्थ विशेष’ सुनाकर नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश की। डा. संगीता नाथ ने अपने गीत ‘ कभी है पीर का दर्पण, कभी खुशियों का पानी है, से महफिल मे समां बांध दिया तो स्नेह प्रभा पाण्डेय ने ‘क से कविता लिख सकती हूं, ख से अब मै क्या लिख दूं’ सुनाकर वर्तमान व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया तो शालिनी खन्ना ने मर्मस्पर्शी रचना ‘बरसों बाद ससुराल से जब भी आती है बेटियां’ सुनाकर सभी को भाव विह्वल कर दिया। उसके बाद धन्यवाद ज्ञापन के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ।

Related posts

आओ शुरुआत करें – सुनील गुप्ता

newsadmin

पुस्तक – ममता जोशी

newsadmin

असली नकली – सुनील गुप्ता

newsadmin

Leave a Comment